पोप फ्रांसिस के निधन के बाद अगले पोप का चुनाव रोमन कैथोलिक कार्डिनल द्वारा 7 मई को किया जाएगा. पोप वैश्विक चर्च के नेता होते हैं, और इस पद के लिए चुनाव की एक लंबी प्रक्रिया होती है. इसका फैसला एक सीक्रेट कॉन्क्लेव में लिया जाता है, जो कि दुनिया की सबसे पुरानी और सबसे सीक्रेटिव चुनावी प्रक्रिया मानी जाती है.
पोप फ्रांसिस का 21 अप्रैल को 88 साल की उम्र में निधन हो गया था, और शनिवार को उनका अंतिम संस्कार किया गया. अब नए पोप की चुनावी प्रक्रिया 7 मई को शुरू होगी, जब 135 कार्डिनल्स बैठक करेंगे. इस बैठक की बातें सीक्रेट रखी जाती है और इसमें शामिल होने वाले लोग सिर्फ 80 साल से कम उम्र के होते हैं.
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80 और इससे ज्यादा उम्र के लोग चुनावी प्रक्रिया में नहीं होंगे शामिल
नियमों के मुताबिक, पोप के लिए चुनावी प्रक्रिया में 80 और इससे ज्यादा उम्र के लोग शामिल नहीं किए जाते हैं, लेकिन वे कॉन्क्लेव जॉइन कर सकते हैं और क्लोज्ड-डोर होने वाले सेशंस में हिस्सा ले सकते हैं.
खास बात ये है कि पोप के रूप में चुने जाने वाले शख्स कार्डिनल इलेक्टर्स में से नहीं होते हैं, लेकिन अब आम प्रैक्टिस है. पोप फ्रांसिस के चुनाव के लिए कार्डिनल्स की बैठक वेटिकन स्थित सिस्टाइन चैपल में होगी और ये प्रक्रिया 16वीं सदी से चली आ रही है.
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नए पोप के चुनाव में लग सकता है समय
2005 और 2013 में आयोजित पिछले दो कॉन्क्लेव सिर्फ दो दिन तक चले थे, लेकिन रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक एक स्वीडिश कार्डिनल्स ने बताया कि होने वाले पोप के चुनाव में ज्यादा समय लग सकता है, क्योंकि पोप फ्रांसिस द्वारा नियुक्त कार्डिनल्स कभी भी एक-दूसरे से नहीं मिले हैं. मसलन, अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं है कि ग्लोबल चर्च के नेता के रूप में अगले पोप का पद किसे मिलेगा.