भारत, पाकिस्तान और चीन, ये तीन देश वर्तमान में परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र हैं और इनकी सीमाएं आपस में मिलती हैं. स्वीडिश थिंक टैंक, स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की हाल ही में जारी रिपोर्ट के अनुसार, भारत के पास 172 और पाकिस्तान के पास 170 न्यूक्लियर वॉरहेड हैं, जबकि चीन के पास लगभग 500 न्यूक्लियर वॉरहेड होने का अनुमान है.
यह रिपोर्ट स्पष्ट करती है कि इन तीन देशों के पास अत्याधुनिक परमाणु हथियारों का एक विस्तृत भंडार है, जो उनके सैन्य क्षमता को बढ़ाते हैं. SIPRI की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इन देशों में परमाणु हथियारों के भंडारण और संचालन के स्थानों को लेकर बहुत संवेदनशीलता बरती जाती है, और इन हथियारों के संचालन में सक्षम मिसाइल ठिकानों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई है.
11 सितंबर 2023 को प्रकाशित ‘बुलेटिन ऑफ द एटॉमिक साइंटिस्ट्स’ की रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि पाकिस्तान ने अपने परमाणु हथियारों को ले जाने में सक्षम छोटी और लंबी दूरी की मिसाइलों को देश के विभिन्न रणनीतिक क्षेत्रों में तैनात किया है.
आक्रो मिलिट्री बेस
आक्रो मिलिट्री बेस सिंध प्रांत में स्थित है, जो हैदराबाद से 18 किलोमीटर उत्तर और भारतीय सीमा से 145 किलोमीटर दूर है. यह ठिकाना विशेष रूप से मिसाइलों को रखने और लॉन्च करने के लिए डिजाइन किया गया है. यहां छह मिसाइल गैराज मौजूद हैं, जो 12 लॉन्चरों को संभालने में सक्षम हैं. रिपोर्ट ये भी कहती है कि 2004 से इस सैन्य बेस का विस्तार किया जा रहा है, और सैटेलाइट इमेजों के विश्लेषण से यह सामने आया है कि यहां बाबर क्रूज़ मिसाइल हथियार सिस्टम के लिए पांच ट्रांसपोर्टर इरेक्टर लॉन्चर्स (TEL) तैनात किए गए हैं. बाबर मिसाइल की मारक क्षमता 450 से 700 किलोमीटर तक है, और पाकिस्तान इसे समुद्र से लॉन्च करने के लिए भी तैयार कर रहा है.
गुजरवाला मिलिट्री बेस
गुजरवाला मिलिट्री बेस पाकिस्तान का सबसे बड़ा सैन्य परिसर है, जो पंजाब प्रांत के उत्तर-पूर्वी हिस्से में स्थित है. यह 30 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है और भारतीय सीमा से केवल 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. सैटेलाइट इमेजों से पता चलता है कि यहां छोटे दूरी की नस्र मिसाइलों के लिए मिसाइल लॉन्चर तैनात किए गए हैं. नस्र मिसाइल की मारक क्षमता लगभग 60 किलोमीटर है, और इसे पाकिस्तान ने अपनी सामरिक जरूरतों के लिए तैयार किया है.
खुजदार
खुज़दार, बलूचिस्तान प्रांत के सक्कर से लगभग 220 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है, और यह भारत की सीमा से सबसे दूर स्थित मिसाइल ठिकानों में से एक है. इस ठिकाने पर भी परमाणु हथियारों को सुरक्षित रखने के लिए भूमिगत गोदाम बनाए गए हैं. सैटेलाइट तस्वीरों से अनुमान लगता है कि यहां गौरी या शाहीन-2 मिसाइलों के लिए लॉन्चर्स मौजूद हैं.
पानो अकिल
पानो अक़िल सैन्य ठिकाना सिंध प्रांत में भारतीय सीमा से लगभग 60 किलोमीटर दूर स्थित है. यहां भी मिसाइल लॉन्चरों के लिए गैराज और ट्रांसपोर्टर इरेक्टर लॉन्चर्स (TEL) की सुविधा मौजूद है. इन तस्वीरों से यह पता चलता है कि यह स्थल बाबर और शाहीन-1 मिसाइलों के संचालन के लिए इस्तेमाल हो रहा है.
सरगोधा
सरगोधा पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है. 1983 से 1990 के बीच, पाकिस्तान ने यहां स्थित किराना हिल्स में एक विशाल सैन्य परिसर का इस्तेमाल किया. इस परिसर में 10 ट्रांसपोर्टर इरेक्टर लॉन्चर (TEL) गैराज और दो अन्य गैराज मौजूद हैं, जो इन लॉन्चरों के रखरखाव और मरम्मत के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं. यह ठिकाना पाकिस्तान के न्यूक्लियर प्रोग्राम के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गया था और यहां से विभिन्न बैलिस्टिक और क्रूज़ मिसाइलों का परीक्षण और विकास किया जाता था.