विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को एक नोटिस जारी किया है, जिसमें यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) और UPI QR भुगतान सुविधाओं को लागू करने का निर्देश दिया गया है. यह कदम सरकार की डिजिटल सशक्त समाज और कैश-लेस अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की पहल का हिस्सा है.
उच्च शिक्षा में UPI के बढ़ते उपयोग को देखते हुए, शैक्षिक सेवाओं के लिए लेनदेन की सीमा को भी बढ़ाकर 5 लाख रुपये तक कर दिया गया है. नियमों में इस बदलाव से छात्रों और संस्थानों दोनों के लिए वित्तीय संचालन और आसान एवं सुरक्षित हो जाएगा.
उच्च शैक्षणिक संस्थानों को दिए गए निर्देश
अब तमाम उच्च शैक्षणिक संस्थानों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे UPI भुगतान विकल्प को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्लेटफार्मों पर उपलब्ध कराएं. इसके साथ ही, इस निर्देश को लागू करने में किसी किस्म की परेशानी आने पर उच्च शिक्षा संस्थान NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) से तकनीकी सहायता की मांग कर सकते हैं ताकि इस नई व्यवस्था को लागू करने में कोई कठिनाई न हो.
यूजीसी को तकनीकी समर्थन देगा NPCI
NPCI को यूजीसी ने तकनीकी समर्थन देने के लिए कहा है और कमीशन ये भी सुनिश्चित करवाएगा कि सभी शैक्षणिक संस्थान सुचारू रूप से इस प्रणाली का उपयोग कर सकें. इस पहल का उद्देश्य केवल भुगतान प्रणाली को सुव्यवस्थित करना ही नहीं है, बल्कि छात्रों को डिजिटल लेनदेन की दुनिया से परिचित कराना भी है.
UPI को बढ़ावा देने का उद्देश्य न सिर्फ शहरी बल्कि ग्रामीण छात्रों में भी इस प्लेटफॉर्म की लोकप्रियता बढ़ाना है जिससे डिजिटल ट्रांजेक्शन और आसान बन पाए.