उत्तर प्रदेश के संभल जिले में पिछले साल अगस्त में सड़क हादसे में हुए एक शख्स की मौत के मामले का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने बताया कि पीड़ित की निर्मम रूप से हत्या की गई थी. आरोपियों ने 51 लाख रुपए के जीवन बीमा की रकम पाने के लिए इस वारदात को अंजाम दिया था. शुरुआत में ये मामला एक साधारण सड़क दुर्घटना लग रहा था. पुलिस ने बताया कि साजिश के पीछे दो भाई, एक बदमाश और एक बीमा एजेंट हैं, जो अब सलाखों के पीछे हैं.

संभल के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कृष्ण कुमार बिश्नोई ने खुलासा किया, “यह एक सड़क दुर्घटना नहीं थी. पीड़ित दिव्यांग दरियाब जाटव की जानबूझ कर हत्या की गई थी, ताकि उसका जीवन बीमा का रकम लिया जा सके. हत्यारों ने पहले उसके सिर पर हथौड़ा मारा. इसके बाद दुर्घटना का रूप देने के लिए वाहन से कुचल दिया. 1 अगस्त, 2024 को चंदौसी थाने में एक एफआईआर दर्ज की गई, जिसमें कहा गया कि सैनिक चौराहे के पास हिट-एंड-रन में दरियाब की मौत हो गई.
बदायूं जिले के ढिलवारी गांव के मूल निवासी दरियाब के भाई राजेंद्र ने शिकायत दर्ज कराई. कोई सुराग न मिलने पर पुलिस ने मामले को दुर्घटना मानकर बंद कर दिया और दिसंबर में अंतिम रिपोर्ट दाखिल कर दी. इस वारदात के 9 महीने बाद जीवन बीमा की राशि 50.68 लाख रुपए का दावा किया गया. बीमा कंपनी ने पुलिस को इसकी सूचना दी, जिसके बाद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनुकृति शर्मा और उनकी टीम ने इस केस की दोबारा जांच की, जिसमें कई विसंगतियां पाई गईं.
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनुकृति शर्मा ने कहा, “मृतक शारीरिक रूप से विकलांग था. अपने घर से 27 किलोमीटर दूर नहीं जा सकता था. उसकी मौत उसके घर से दूर रात 10 बजे के आसपास एक दुर्घटना में हुई. इससे गंभीर संदेह पैदा हुआ. आखिरकार पूछताछ के दौरान संदिग्धों से पूरा कबूलनामा निकलवाया गया. इस हत्या की साजिश हरिओम और विनोद ने रची थी. उन्हें पैसों की तत्काल जरूरत थी. उन्हें मैक्स लाइफ के बीमा एजेंट पंकज राघव ने सलाह दी थी.”
उसने आरोपियों से कहा कि वे किसी गंभीर रूप से बीमार या शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्ति का बीमा कराएं. एक साल से अधिक समय तक उन्होंने दरियाब जाटव के नाम पर कई जीवन बीमा पॉलिसियां लीं. जब पॉलिसियां परिपक्व हो गईं, तो आरोपियों ने हत्या को अंजाम देने में मदद करने के लिए एक बदमाश प्रताप को 50 हजार रुपए दिए. वारदात की रात विनोद ने पीड़ित पर हथौड़े से वार किया. इसके बाद प्रताप ने दुर्घटना का नाटक करने के लिए उसे कार से कुचल दिया.

इस वारदात को पूरी तरह अंजाम दिए जाने से पहले ही आरोपी बीमा भुगतान में 15.68 लाख रुपए प्राप्त करने में सफल हो गया था. लेकिन धोखाधड़ी का पता चलने पर शेष राशि रोक दी गई. हरिओम, विनोद, प्रताप और बीमा एजेंट पंकज राघव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. एसपी ने इस मामले का पर्दाफाश करने वाली टीम को 25 हजार रुपए का इनाम देने की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि यह मामला याद दिलाता है कि लालच जघन्य अपराधों को जन्म देता है.